लूना का आविष्कार
लूना एक ऐसी बाइक है जो कि बिल्कुल एक साइकिल जैसी ही है जो व्यक्ति साइकिल चला सकता है वह लूना को भी अच्छे तरीके से चला सकता है
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| लूना का अविष्कार |
- सन 1980 के मध्य में पुणे स्थित काइनेटिक समूह की जो भारतीय बाजार में कम लागत में या टू व्हीलर साइकिल चालकों के लिए परिवहन का एक बेहतर और अपग्रेडेड वर्जन बन गई आइए जानने की कोशिश करते हैं
- एक समय लो ना अपनी श्रेणी की प्रमुख और सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली थी लूना भारत की सामान्य मॉडल वाली सस्ती टिकाऊ और साइकिल से ज्यादा स्वचालित मोटरसाइकिल जैसा अनुभव देने वाली बेटी थी जिसकी स्टाइल साधारण पर आकर्षक थी
- इसने सभी वर्ग के लोगों को अपना दीवाना बनाया है इसलिए इसका मालिक आज भी ---- कहता है चल मेरी लूना
- असल में लूना की प्रचार के लिए अपनाई गई यह टैगलाइन काफी मशहूर हुई चल मेरी लूना
- 1959 isvi mein hai ek film ke gane se prabhavit tha Luna ke is ad Ne purv Parichay delete dharna aur Logon se Jude Mein netaon ko Khatam karte hain vah local bachon ko Vigyapan Mein laane ka Karya Kiya
- लूना को 1970 के दशक और 1980 की शुरुआत में एक किफायती भारतीय उत्पाद के रूप में प्रचारित किया गया जिसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता था 1970 के दशक में शबाना आजमी और सीता पटेल जैसे अभिनेत्रियों ने इसका पारंपरिक विज्ञापन किया इसके अलावा महाराष्ट्र में होने वाले क्रिकेट मैच ओवर स्कूलों में भी लूना को प्रचारित किया गया
- घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट के मैन ऑफ द मैच विजेताओं और परीक्षाओं में अव्वल नंबर लाने वालों को छात्रों को उपहार स्वरूप लूना गिफ्ट की गई
- इससे इसकी बिक्री पर बहुत प्रभाव पड़ा राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेलने वाले संदीप पाटिल और चंद्रशेखर जैसे खिलाड़ियों को भी लूना गिफ्ट की गई
- 1983 isvi mein hai Raj Kapoor per Bani film Gopichand Jasoos ne bhi Luna ka istemal Kiya Gaya
- 50 सीसी इंजन वाली या काइनेटिक लूना काइनेटिक इंजीनियर का सबसे उत्तम आविष्कार कही जा सकती है
- Ise Bharat mein San 1972 isvi Mein launch Kiya Gaya isase Pahale ameriki bajaron Mein 35 cc engine ka Kinetic prf ke sath Utara gaya tha
- iski safalta ka andaza ISI Baat per Lagaya Ja sakta hai ki San 1975 Mein uski lonching ke bad 28 Salon Tak Jor Shor taqwa Luna mohbat ki stylish body aur aakarshak Rangoon Ne Grah Kaun ko Kafi aakarshit Kiya
- काली और चमकदार स्टील फ्रॉम की बॉडी हल्का वजन संभालने में आसान और पाएं डील की कि स्टार्ट इसे मुख्य विशेषता रही
- भारत में आने के साथ ही पेट पर इसके मालिक ने लगभग नहीं के बराबर खर्चा किया इसकी रखरखाव की लागत भी बहुत कम थी और इसकी सवारी का आनंद भी आरामदायक था
- इस को सबसे ज्यादा इस्तेमाल ग्रामीण परिवेश के लोगों ने किया जो उबड़ खाबड़ रास्ते से इसकी सवारी कर आराम से अपने गांव पहुंच जाया करते थे
- बड़े जमाने के साथ यूनान में बदलाव हुआ
- पैदल को अब खत्म कर दिया गया उसके बदले किक स्टार्ट एवं सेल्फ स्टार्ट का ऑप्शन दिया गया इंजन की कार्य कुशलता व क्षमता को भी बढ़ाया गया
कुल मिलाकर लूना के 5 मॉडल बाजार में उतारे गए
- Luna tfr
- डबल प्लस
- लूना विंग्स
- लूना मैग्नम
- लूना सुपर
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